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अब लड़ाई कांग्रेस से? अनशन खत्म, जेल भरो भी रद्द
Source: dainikbhaskarमुंबई/नई दिल्ली. अन्ना हजारे ने अपना अनशन और प्रस्तावित जेल भरो आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि अब केवल कांग्रेस के खिलाफ प्रचार होगा। उन्होंने कहा, 'अब मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा।'
अन्ना ने कहा है, 'वे पांच राज्यों में कांग्रेस का विरोध करेंगे क्योंकि इस पार्टी ने हमें धोखा दिया है। जब हम पांच राज्यों में घूमेंगे तो हम बताएंगे कि हमें कैसे धोखा दिया गया है।' अन्ना ने कहा, 'लोकपाल का विरोध करने वालों के खिलाफ प्रचार करेंगे और आम चुनाव के समय पूरे देश का दौरा करूंगा।' यह पूछने पर कि क्या लोकपाल के दायरे में सीबीआई को रखने को लेकर लोकसभा में विरोध करने वाली भाजपा के खिलाफ भी प्रचार होगा, अन्ना ने कहा कि नहीं। इसके बाद पत्रकार सम्मेलन छोड़ कर अन्ना बीच में ही मंच से अंदर चले गए। बाद में अरविंद केजरीवाल ने सफाई दी कि चूंकि सत्ता पर कांग्रेस का कब्जा है, इसलिए हम उसके खिलाफ प्रचार करेंगे। हमने कांग्रेस को सत्ता में भेजा है। हमने बीजेपी को सत्ता में नहीं भेजा है। अन्ना ने अनशन खत्म करने का ऐलान करते हुए यह भी साफ किया कि 30 दिसंबर से प्रस्तावित जेल भरो आंदोलन रद्द कर दिया गया है। इस तरह से तीन दिनों के अनशन के दूसरे ही दिन यह खत्म हो गया। इसके बाद अन्ना को अस्पताल ले जाया जाएगा और फिर वहां से अन्ना रालेगण सिद्धि जा सकते हैं।
अन्ना के मंच से चले जाने के बाद मीडिया से मुखातिब अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अन्ना ने बाबा रामदेव को न्योता दिया था। क्योंकि बाबा रामदेव ने भी कालेधन का मुद्दा उठाया था। समर्थकों को बस में भरकर लाने के सवाल पर केजरीवाल ने कहा, 'रेलवे स्टेशनों से एमएमआरडीए मैदान तक आने के लिए कोई साधन नहीं था। इसलिए हमारे कुछ समर्थकों ने अपनी कुछ बसें वहां लगाई थीं। हमारे समर्थकों को वहां रोका जा रहा था।'
इससे पहले दोपहर में जारी अन्ना के मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उनका ब्लड प्रेशर 130/90 था। अन्ना को अब भी 100 डिग्री बुखार है। पिछले चार-पांच दिनों से अन्ना की सेहत पर नज़र रख रहे डॉक्टर ने कहा था कि अगर अनशन चालू रहा तो उनकी तबियत बिगड़ सकती है। डॉक्टरों ने अन्ना से अनशन छोड़ने के लिए कहा था। अन्ना का वजन भी पिछले कुछ दिनों में डेढ़ किलो कम हो गया।
आपकी राय
क्या अन्ना की लड़ाई पूरी तरह से राजनीतिक हो गई है? क्या इसमें एक पार्टी को निशाना बनाया जाना उचित है? या फिर टीम अन्ना की यह दलील उचित है कि चूंकि सत्ता पर एक पार्टी का कब्जा है, इसलिए उसके खिलाफ प्रचार करना उचित है?
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