Sunday 28 August 2011

ਅਖਬਾਰੀ ਗੱਲਾਂ 28.08.2011


















1 comment:

  1. दुरंतो का नाम जलियांवाला बाग एक्सप्रेस हो
    चंडीगढ़ & कांग्रेस के विधायक सुखपाल खैहरा ने रेल राज्यमंत्री एम.एच कुन्नीअप्पा को पत्र लिखकर दुरंतो का नाम सार्इं मियां मीर या जलियांवाला बाग एक्सप्रेस रखने की मांग की है। उन्होंने कहा, दुरंतो बंगाली नाम है, लेकिन यह पंजाब के लोगों पर क्यों थोपा जा रहा है, जबकि अमृतसर की अपनी धार्मिक और ऐतिहासिक पहचान है। श्री हरिमंदिर साहिब और जलियांवाला बाग वैश्विक महत्व रखते हैं। साईं मियां मीर जिन्होंने श्री हरिमंदिर साहिब की नींव रखी या जलियांवाला बाग जिसकी ऐतिहासिक पहचान है के नाम पर इस गाड़ी का नाम रखा जा सकता है।
    स्र46 भास्कर न्यूज & अमृतसर

    अमृतसर से चंडीगढ़ के बीच दौड़ी दुरंतो का नॉन स्टाप होना रेलवे के लिए घाटा साबित हो सकता है। कहीं ट्रांसपोर्ट माफिया इसकी आड़ में वर्षों बाद चालू हुई ट्रेन को बंद कराने में सफल न हो जाए। यह आशंका जहां शहर के लोगों के दिलों में घर कर गई है, वहीं दबी जुबान में रेल अधिकारी भी इसे आने वाला खतरा मान रहे हैं। फिलहाल रेलवे दुरंतो के चंडीगढ़ तक के सफर के बीच ठहराव को लेकर कोई फैसला नहीं ले पा रहा।

    बुधवार को शुरु हुई दुरंतो में कुल 1428 सीटें हैं, जबकि अमृतसर से लेकर चंडीगढ़ तक इसका ब्यास, जालंधर, फगवाड़ा, लुधियाना और मोहाली में स्टॉपेज नहीं है। इसके अलावा शुक्रवार को ट्रेन न चलाने का फैसला भी गलत साबित हो सकता है। पहले दिन दोनों ओर से केवल 256 यात्रियों ने सफर किया, जबकि दूसरे दिन इनकी संख्या 200 रही। ऐसी स्थिति में अकेले अमृतसर से या चंडीगढ़ से सीटें भरना टेडी खीर लगता है। रेलवे टाइम टेबल, परिचालन के दिन और ठहराव को लेकर राजनीतिक नेताओं के बाद अब कई संगठनों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है।

    सिटीजन वेलफेयर फोरम के कन्वीनर और रिटायर्ड रेल अधिकारी हरनारायण ने रेल राज्य मंत्री मुनियप्पा को भेजे पत्र में लिखा है कि दुरंतो के जरिए चंडीगढ़ से जुडऩे वाला अमृतसर राज्य का छठा जिला है, जबकि 16 जिले अभी भी राजधानी से सीधे नहीं जुड़ पाए हैं। ट्रेन का ब्यास, जालंधर, फगवाड़ा, लुधियाना और मोहाली स्टेशनों पर ट्रेन के स्टापेज नहीं है, जबकि इन शहरों से भारी संख्या में यात्री मिल सकते हैं।

    ReplyDelete

Note: only a member of this blog may post a comment.